देहरादून:-
आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देहरादून में ब्रिजेश विरमानी व नौलाखी सिंह ने भँडारे का आयोजन न्यू एम्पायर सिनेमा के पास राजपुर रोड पर किया सभी भक्तजनों को खीर का प्रसाद वितरित किया,इस अवसर पर,वरिष्ट पत्रकार संजय किमोठी समेत अन्य लोग मौजूद रहे|
महाशिवरात्रि पर्व क्यों मनाते है?
इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। यानी कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए इस दिन व्रत किया जाता है और शिवजी के साथ गौरा यानी कि मां पार्वती की पूजा होती है। आइए आपको बताते हैं महाशिवरात्रि का इतिहास, महत्व और मान्यताएं।
भगवान शिव को चतुर्दशी तिथि का स्वामी माना जाता है। ईशान संहिता में कहा गया है कि भगवान् शिव फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि वाले दिन ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रगट हुए थे। इसलिए इस तिथि वाले दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाने लगा। लेकिन इसके अलावा भी महाशिवरात्रि के विषय में मान्यताएं हैं। एक कथा के अनुसार, इस दिन सागर मंथन हुआ था और जिसमें से कालकेतु विष निकला था। उस समय भगवान शिव ने संपूर्ण ब्रह्मांड की रक्षा करने के लिये स्वयं ही पूरा विष पी लिया था। जिस कारण उनका पूरा कंठ नीला हो गया था। विषपान के बाद से ही उन्हें नीलकंठ की संज्ञा दी गई। अन्य मान्यताओं में इस दिन को शिव पार्वती के विवाह के रूप में भी मनाने की परंपरा रही है।
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